Wednesday, 1 January 2020

02. क्षमा याचना

क्षमा याचना


परमसंत समर्थसद्गुरु श्रीमन महात्मा राम चन्द्र जी [परमपूज्य श्री श्री लालाजी] महाराज
[03 फरवरी 1873  - 15 अगस्त 1931]
परमपिता परमात्मा
श्री श्री दादाजी !
आपने मन्द-मुस्कान से प्रमुदित कर यह दायित्व मुझे सौंपा कि आपकी दिव्य क्रान्ति की कहानी को प्रकाश लाऊँ। सो, यह आज्ञा पालन कर अति दीनता पूर्वक, क्षमा-याचना हेतु उपस्थित हुयी हूँ। कैसा बन पड़ा है, आप ही जानें। मेरा जी काँप रहा है कि अनजानें में कोई अपराध न बन पड़ा हो। मुझे क्षमा करें। दादाजी ! आप मेरे आध्यात्मिक दादागुरु भी हैं, मेरे सिर पर हाँथ रख कर आश्वस्त करें !! मेरा यह बाल-प्रयास कृपा कर स्वीकार करें !!!

त्वदीयं वस्तु गोविन्द
तुभ्यमेव समर्पये।

आपकी पौत्रवधू
सुमन

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